धो-खा...
माँ ने
बचपन में समझाया था
बेटा, हाथ ''धो''
फिर ''खा''
माँ की सीख का फायदा
वे नेतागीरी में
लेने लगे
जनता को धो-खा देने लगे.
जड़ों में
भ्रष्टाचार
रिश्वतखोरी और
घोटाले
अब देश की बुनियाद में
खड़े हैं
ये वे नगीने हैं जो
जनतंत्र की जड़ों में
जड़े हैं
ध्यान
ढोंगी साधु
सेक्सी संत ने
खूब छक्के लगाये
पाखंड के खेल में
भंडाफोड़ के बाद
सारा ध्यान जेल में...
आड़ में
देश सेवा की
आड़ में
बाहुबली
कसकर
''खा'' रहे हैं
कुछ कमर कस कर
आ रहे हैं.
जिद
वे
जिद पर अड़े हैं
कि अब भी
भाई-चारा
निभाएंगे
बिलकुल भाई की तरह
चारा खायेंगे.
माँ ने
जवाब देंहटाएंबचपन में समझाया था
बेटा, हाथ ''धो''
फिर ''खा''
माँ की सीख का फायदा
वे नेतागीरी में
लेने लगे
जनता को धो-खा देने लगे.
...सभी चिकोटियां राजनेताओं की पोल खोलने वाली है!...धन्यवाद!
kafi achchi hai.
जवाब देंहटाएंbeautifully written and expressed !
जवाब देंहटाएंMerry Christmas
जवाब देंहटाएंhope this christmas will bring happiness for you and your family.
Lyrics Mantra
Saari kshanikaayen achche wyangya ko sthapit karati hain.
जवाब देंहटाएंbahut khub teeno baaton se sehmat
जवाब देंहटाएंशब्द पुष्टिकरण हटा दें तो टिप्पणी करने में आसानी होगी ..धन्यवाद
जवाब देंहटाएंवर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया ड्राफ़्ट
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंव्यंगात्मक लेखन में आपका सानी नहीं है.तीनों रचनाये बड़ी खूबसूरती से अपनी मार करती हैं. साधुवाद.
जवाब देंहटाएंbahut Sundar rachna
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